
- प्रियंशु ठाकुर
कोरोना क रहलाय संघार
लोकसब एता:य वेरोजगार
वैठ रहलायायकाला व्यपार
कि द्वयसवकऽ भगेले हार
किनका कहने दु:ख कऽ बात
आबो याय हमरा सृष्टिपर आश
चारुकात देखेअछी लाश
शायद यी अछी प्राकृतिक वदला
आहा सब केलिए यी पर हमला
चारुकात केवल कोरोना बात
कियोनाई देत यी मुश्किल घडीमे साथ
आबौ राखु भगवान पर आश
लागे अछी दोसर लोकमे हायत सबक वाश